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Devshyani Ekadashi 2023: देवशयनी एकादशी पर जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत विधि एवम उपाये!

भगवान विष्णु के मंत्र

  • ॐ विष्णवे नम:

  • ॐ अं वासुदेवाय नम:

  • ॐ आं संकर्षणाय नम:

  • ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:

  • ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:

  • ॐ नारायणाय नम:

देव सैनी एकादशी, हिन्दू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार हर मास की एक एकादशी तिथि को कहा जाता है जिसे देव सैनी एकादशी के रूप में जाना जाता है। यह एकादशी व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है और भगवान विष्णु की पूजा एवं व्रताचरण के द्वारा मनाया जाता है।

देव सैनी एकादशी को "वैष्णवी एकादशी" भी कहा जाता है, क्योंकि यह एकादशी भगवान विष्णु एवं उनकी शक्ति परमात्मा श्रीमती राधा रानी की पूजा एवं सेवा के लिए विशेष महत्व रखती है। इस व्रत का महत्वपूर्ण उद्देश्य मनुष्य को धार्मिकता, सात्विकता, अहिंसा और सदभाव की शिक्षा देना है। इसे मान्यता के अनुसार यदि कोई व्यक्ति देव सैनी एकादशी का व्रत उपवास के साथ माने, तो उसे पुण्य प्राप्त होता है और उसके पाप नष्ट हो जाते हैं।

विशेष रूप से इस एकादशी को ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी के रूप में माना जाता है। यह एकादशी व्रत का आयोजन बड़े धार्मिक महत्व और उत्साह के साथ किया जाता है, जिसमें विशेष रूप से विष्णु भगवान की आराधना, पूजा, भजन-कीर्तन और वेद पाठ किया जाता है।

इसे विशेष धार्मिक उद्यान और ब्रजभूमि क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है, जहां अनेक भक्त इस व्रत को मान्यता और श्रद्धा के साथ मानते हैं और इस अवसर पर भगवान के नाम की जप, भजन-कीर्तन, संत समागम आदि कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।


devshyani Ekadashi kab hain

देव सैनी एकादशी की पूजा विधि निम्नलिखित तरीके से की जाती है:

  • स्नान: सबसे पहले एकादशी के दिन स्नान करें। यह शुद्धता और उत्तमता को प्रकट करता है।

  • पूजा स्थल: पूजा स्थल को शुद्ध करें और उसे सजाएं। एक साफ और शुद्ध वस्त्र, पूजा सामग्री और फूलों से सजाएं।

  • अग्नि पूजा: पूजा की शुरुआत में एकादशी व्रत के लिए अग्नि की पूजा करें। अग्नि को जल द्वारा पूजा करें और अग्नि में घी, धूप, दीप, चंदन आदि दान करें।

  • भगवान विष्णु की पूजा: देव सैनी एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु और उनकी पत्नी माता श्रीमती राधा की पूजा की जाती है। मूर्तियों, चित्रों या प्रतिमाओं को पूजनीय स्थान पर स्थापित करें। उन्हें फूल, चंदन, कपूर, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी पत्र आदि से पूजें।

  • भजन-कीर्तन: विष्णु भगवान के नाम की जप, भजन और कीर्तन करें। इससे भक्ति और ध्यान ऊर्जा का संचार होता है।

  • व्रत विधि: देव सैनी एकादशी के दिन उपवास करें। यहां ध्यान रखें कि उपवास में आपको निराहार रहना चाहिए, जहां सिर्फ फल, साबूदाना, दूध, दही और व्रत-आहार की सामग्री सेवन किया जा सकता है।

  • कथा और व्रत कथा सुनें: एकादशी के दिन व्रत कथा सुनें, जो इस व्रत के महत्व को समझाती है।

  • दान: एकादशी के दिन दान करें, जैसे अन्न, वस्त्र, धन, और अन्य धर्मिक सामग्री।

  • उपासना और मन्त्र जाप: एकादशी के दिन ध्यान और मन्त्र जाप करें। भगवान विष्णु के मन्त्रों का जाप करने से मन को शुद्धि, शांति और ध्यान प्राप्त होता है।

कब कब कौन से योग बन रहे हैं, जानिए

  • सुबह 05.26 से शाम 04.30 तक रवि योग बन रहा है.

  • 29 जून 2023, सुबह 05.16 से लेकर 30 जून 2023, सुबह 03.44 तक से समयावधि में सिद्ध योग लग रहा है.

  • 24 जून को ऐसी स्थिति है कि बुध का मिथुन राशि में प्रवेश हो रहा है तो वहीं मिथुन राशि में सूर्य पहले ही जा चुके हैं. ऐसे में बुधादित्य योग इन ग्रहों की युति से बन रहा है.

  • गुरुवार - गुरुवार और एकादशी का एक साथ होना अति शुभ अवसर है क्योंकि दोनों ही श्रीहरि को समर्पित है. गुरुवार को एकादशी होने जातक के पूजा अर्चना का विशेष लाभ प्राप्त होता है.

devshyani ekadashi ki puja vidhi

देव सैनी एकादशी के दिन आप निम्नलिखित गतिविधियाँ कर सकते हैं और कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:

करें:

  • स्नान करें और शुद्धता बनाएं।

  • भगवान विष्णु और माता श्रीमती राधा की पूजा करें। मूर्तियों, चित्रों या प्रतिमाओं को पूजनीय स्थान पर स्थापित करें और उन्हें फूल, चंदन, कपूर, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी पत्र आदि से पूजें।

  • भजन, कीर्तन और विष्णु भगवान के नाम का जाप करें।

  • व्रत कथा सुनें और उसका महत्व समझें।

  • दान करें, जैसे अन्न, वस्त्र, धन या अन्य धर्मिक सामग्री।

  • उपासना और मन्त्र जाप करें।

  • धर्मिक स्तोत्र या पाठ करें।

  • सत्संग में भाग लें, जहां आप धर्मिक समुदाय के साथ मिलकर भगवान की महिमा गाते हैं और उनकी कथाएँ सुनते हैं।

ना करें:

  • निराहार उपवास के अलावा, आपको आहार संबंधित नियमों का पालन करना चाहिए।

  • अशुभ कार्यों को न करें, जैसे कि बालिकाओं का विवाह, श्राद्ध आदि।

  • अशुभ बातों की चर्चा न करें और अपने विचारों और व्यवहार में शुद्धता बनाएं।

  • अनुचित कार्यों में व्यस्त रहें या अशांति पैदा करने वाले गतिविधियों में भाग लें।

  • अधिक खाने-पीने, मित्र-संगीत या व्यर्थ वक्त बिताने से बचें।

  • नकारात्मक विचारों और भावनाओं का प्रवाह करने से बचें और शुद्धता, श्रद्धा, और प्रेम के साथ अपने मन को समर्पित करें।

यह केवल एक सामान्य दिशा-निर्देश है और आप अपनी आस्था और साधना के अनुसार अपनी पूजा विधि को अनुकूल बना सकते हैं। आपके गुरु या आध्यात्मिक आदर्शों की सलाह का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।



devshyani ekadashi ka mehatva

देव सैनी एकादशी का महत्व: देव सैनी एकादशी को भारतीय हिंदू परंपरा में महत्वपूर्ण रूप से मान्यता दिया जाता है। इस एकादशी को विष्णु पुराण में "देव सैनी" नाम से उल्लेख किया गया है। यह एकादशी व्रत उन भक्तों द्वारा मान्यता प्राप्त किया जाता है जो भगवान विष्णु की आराधना और पूजा करते हैं। इस एकादशी को मनाने से कहा जाता है कि भक्त की प्रार्थनाओं को पूरा करने में भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और उनकी आशीर्वाद से उनकी दुःखों का निवारण होता है। यह एकादशी व्रत अन्य धार्मिक कार्यों के साथ श्रद्धा और भक्ति को संबोधित करता है। देव सैनी एकादशी के उपाय:

  • व्रत रखें: देव सैनी एकादशी के दिन उपवास रखने का उपाय करें। आपको पूर्ण निराहार रहना चाहिए और केवल व्रत-आहार का सेवन करना चाहिए।

  • भगवान विष्णु की पूजा करें: मन, वचन और कर्म से भगवान विष्णु की पूजा करें। मूर्तियों, चित्रों या प्रतिमाओं को पूजनीय स्थान पर स्थापित करें और उन्हें फूल, चंदन, कपूर, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी पत्र आदि से पूजें।

  • भजन और कीर्तन करें: देव सैनी एकादशी के दिन भजन और कीर्तन करें। भक्तिभाव से भगवान विष्णु के नाम का जाप करें और उनकी महिमा गाएं।

  • व्रत कथा सुनें: देव सैनी एकादशी की व्रत कथा सुनें। इसके माध्यम से आप इस व्रत के महत्व और प्रभाव को समझ सकते हैं।

  • दान करें: इस दिन दान करें, जैसे अन्न, वस्त्र, धन या अन्य धार्मिक सामग्री। दान करने से आपको धार्मिक और कर्मिक शुभता मिलती है।

  • ध्यान और मन्त्र जाप करें: भगवान विष्णु के मन्त्रों का जाप करें और ध्यान करें। यह आपके मन को शांति, शुद्धता और ध्यान में स्थिर करने में सहायता करेगा।

  • सत्संग में भाग लें: सत्संग में भाग लें, जहां आप भगवान की महिमा गाते हैं, कथाएँ सुनते हैं और धार्मिक समुदाय के साथ संगठन करते हैं।

इन उपायों का पालन करके आप देव सैनी एकादशी के महत्व को समझ सकते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह आपकी आत्मिक उन्नति, शुभता और समृद्धि में मदद करेगा।


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